Friday 12 August 2016

Tagged Under:

दुनिया के 10 अनसुलझे रहस्य | Duniya ke 10 ansuljhe rahasya

By: Secret On: 19:19
  • Share The Gag

  • दुनिया के 10 अनसुलझे रहस्य | Duniya ke 10 ansuljhe rahasya
                   संसार में अनेकों ऐसे रहस्य है जो की वैज्ञानिको, विद्वानों की लाख कोशिशों के बावजूद भी आज तक अनसुलझे है जैसे की फैस्टोस डिस्क (fastos disc) की रहस्यमयी कहानी का क्या राज है? लंदन (london) के उस 18वीं सदी के स्मारक के पीछे की सच्चाई क्या है? DOUOSVAVVM कोड के पीछे की गुत्थी क्या है,  वॉयनिच मैन्युस्क्रिप्ट, क्रिप्टोज, तमम शेड, 30 करोड़ साल पुराना लोहे का पेंच, मेक्सिको का टियाटिहुआकन शहर, समेत दुनिया में ऐसे कई रहस्य हैं, जिनसे अब तक पर्दा नहीं उठ पाया है।
    इन अबूझ रहस्यों पर लंबे अरसे से चर्चा होती रही है, लेकिन ये अब तक हल नहीं हो पाये है। गौरतलब है कि DOUOSVAVVM कोड को क्रैक करने की कोशिश करने वालों की सूची में चा‌र्ल्स डिकेन्स और चा‌र्ल्स डारविन (charles darwin) जैसी बड़ी शख्सियत तक शामिल है। इन्होंने दुनिया को अलविदा तो कह दिया, लेकिन DOUOSVAVVM की गुत्थी अभी भी उलझी हुई है। हम आपको इस लेख में दुनिया के 10 ऐसे ही अनसुलझे रहस्यों के बारे में बताएँगे।
    यह भी पढ़े>>   भानगढ़ राजकुमारी के इश्क में पगलाए तांत्रिक के शाप से बर्बाद हो गया एक राज्य
    1. वॉयनिच मैन्युस्क्रिप्ट (Voynich Manuscript) :
    पोलिश मूल के अमेरिकी पुरातात्त्विक पुस्तक विक्रेता, विल्फ्रिड एम वॉयनिच द्वारा 1912 में इसका अधिग्रहण (merge) किया गया  था। वॉयनिच मैन्युस्क्रिप्ट Voynich Manuscript पूरे 240 पन्नों की एक किताब है, जिसमें ऐसी भाषा (language) व स्क्रिप्ट का इस्तेमाल किया गया है, जिसे शायद ही कोई पढ़ पाए। पूरी किताब इसी तरह रंग-बिरंगी कलाकृति व अजीबो-गरीब रेखाओं से भरी पड़ी है। पन्नों में जिस तरह के पौधों को बताया गया है, वैसा शायद ही इस धरती पर देखने को मिले।
    अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि आखिर इस किताब को लिखने वाला कौन है। कार्बन डेटिंग (carbon dating) की मदद से खुलासा हुआ है कि किताब 1404-1438 के बीच लिखी गई होगी। इसे दुनिया की सबसे रहस्यमयी हस्तलिखित (handwritten) ग्रंथ के तौर पर जाना जाता है। कुछ का मानना है कि इसे बतौर फार्माकोपिया तैयार किया गया होगा, ताकि मध्ययुगीन या आधुनिक चिकित्सीय विषयों के बारे में बताया जा सके।
    2. क्रिप्टोज (Kryptos) :(यह भी पढ़े>>इस मंदिर में पत्थर का बन जाता है इंसान
     
    )
    क्रिप्टोज का मतलब रहस्यमयी ग्राफिया से है। ये अमेरिकी आर्टिस्ट जिम सनबोर्न (jim sunbort) द्वारा बनाया गई एक रहस्यमयी एन्क्रिप्टेड मूर्तिकला है। इसे वर्जीनिया (Virginia) के लैंग्ले वा स्थित सीआईए के हेडक्वार्टर (headquarter) के बाहर देखा जा सकता है। ये एक ऐसी रहस्यमयी पहेली है, जिसे सुलझाने के लिए कई माथापच्ची कर रहे हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जिम के इस क्रिप्टोज के चार मैसेज में से तीन को क्रैक कर लिया गया है। वहीं, चौथा दुनिया का सबसे चर्चित अनसुलझी गुत्थी बन कर रह गया है।
    3. फैस्टोस डिस्क (Phaistos Disc) :
    फैस्टोस डिस्क के रहस्य की कहानी, हू-ब-हू हॉलीवुड मूवी इंडियाना जोन्स (indiana jones) की तरह लगती है। इसे इतालवी पुरातत्वविद लुइगी पर्नियर द्वारा 1908 में खोजा गया था। ये डिस्क पकी हुई मिट्टी से बनी है, जिसमें कई रहस्यमयी चिह्न (sign) बने हुए हैं। ये चिन्ह अज्ञात हेरोग्लिफिक्स (hieroglyphics) का प्रतिनिधित्व करते हैं। हेरोग्लिफिक्स एक तरह की चित्र लिपि होती है।
    ऐसा माना जाता है कि फैस्टोस डिस्क को दूसरी सहस्राब्दी ईसा पूर्व में डिजाइन किया गया था। वहीं, कुछ विद्वानों का मानना है कि ये होरेग्लिफिक्स लीनियर ए और लीनियर बी प्रतीक को दर्शाते हैं। इस तरह की भाषा प्राचीन काल में इस्तेमाल की जाती थी। आज ये डिस्क पुरातत्वविदों के बीच सबसे चर्चित पहेली बनी हुई है।
    4. शगबोरोह इंस्क्रिप्शन (Shugborouh inscription) :
    स्टेफॉर्डशायर (stayfardshaire) स्थित 18वीं सदी का यह स्मारक दूर से देखने पर निकोलस पाउसिन Poussin की चर्चित पेंटिंग ‘आर्केडियन शेफर्डस’ की तरह लगता है। लेकिन जब इसे नजदीक से देखेंगे, तो पाएंगे कि कलाकृति पर पत्र DOUOSVAVVM का एक जिज्ञासु अनुक्रम दिखाई देगा। DOUOSVAVVM एक प्रकार का कोड है, जिसे 250 से अधिक साल बीत गए, लेकिन अब तक कोई इसे क्रैक नहीं कर पाया है। आपको बता दें कि दुनिया के कई बड़े विद्वानों ने इसे क्रैक करने की कोशिश की, लेकिन असफल रहे। इनमें चार्ल्स डिकेन्स और चार्ल्स डारविन जैसी बड़ी शख्सियत तक शामिल है।
    यह भी पढ़े>>  चीखती सुनसान इमारतों का रहस्य
     
    5. तमम शड केस (Tamam Shud case) :
    इस प्रकरण को ऑस्ट्रेलिया (australia) के सबसे गहरे रहस्यों में माना जाता है। तमम शड प्रकरण, दिसंबर 1948 में एडिलेड में सोमर्टन समुद्री तट पर मृत पाए गए एक अज्ञात शख्स से जुड़ा हुआ है। मृतक की शिनाख्त कभी नहीं हो पाने के तथ्य से परे वो कागज का टुकड़ा अनसुलझी पहेली बन गया, जिसमें ‘तमम शड’ शब्द का जिक्र था।
    एडिलेड पुलिस (Adelaide police) को कागज का ये टुकड़ा, मृतक की जेब से मिला था। शब्द का जब अनुवाद किया गया, तो पता चला कि इसका मतलब ‘अंत’ होता है। इस शब्द का इस्तेमाल उमर खय्याम की कविता ‘रूबाइयत’ में किया गया है। ये रहस्य तब और गहरा गया, जब खय्याम की एक कलेक्शन में हाथ से लिखा एक कोड मिला। माना जाता है कि मरने से पहले उस शख्स ने ही कागज के इस टुकड़े को किताबों में दबाया होगा।
    6. वाउ सिग्नल (Wow Signal) :
    977 में गर्मी के दिनों की बात है। सर्च फॉर एक्सट्राटेरेस्ट्रियल इंटेलिजेंस (एसईटीआई) के वॉलेंटियर जेरी एहमन ऐसे पहले शख्स बने, जिन्हें दूसरी दुनिया यानी एलियन (alien) की ओर से जानबूझकर भेजा गया संदेश प्राप्त हुआ। एहमन तब अंतरिक्ष की गहराइयों से आ रहे रेडियो सिग्नल्स (radio signal) को स्कैन कर रहे थे। उन्हें ये सिग्नल 72 सेकंड तक प्राप्त हुए। उन्होंने जब मेजरमेंट स्पाइक देखा, तो उन्हें लगा कि ये किसी विद्वान एलियन की ओर से भेजा गया संदेश था।
    जब मामले की गहराई में छानबीन की गई, तो पता चला की सिग्नल अंतरिक्ष के ताउ सैगिटैरी तारे के पास से आई थी। आपको बता दें कि ये तारा 120 प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है, जहां दूर-दूर तक किसी भी मानव के होने की गुंजाइश नहीं है। एहमन ने सिग्नल के प्रिंट आउट पर वाउ लिख दिया, तब से ही इसे वाउ सिग्नल कहा जाने लगा। हालांकि, इस तरह के सिग्नल (signal) कभी दोबारा नहीं मिले।
    यह भी पढ़े>>   नृत्यांगना को जब इस किले में किया गया कैद !
    7. रोंगोरोन्गो (Rongorongo) :
    रोंगोरोन्गो एक रहस्यमयी ग्लिफ्स की प्रणाली है, जो ईस्टर द्वीप (easter island) स्थित विभिन्न कलाकृतियों पर लिखी हुई हैं। कइयों का मानना है कि ये किसी जमाने में भाषा हुआ करती थी, जिसका प्राचीन मानव लिखने में इस्तेमाल किया करते होंगे। हालांकि, ये अब भी एक अनसुलझी पहेली बनी हुई है। कोई भी यह जान नहीं पाया कि आखिर उन कलाकृतियों पर लिखी चीजों का मतलब क्या है।
    8. बुर्काधारी औरत (The Babushka Lady):
    यह मिस्ट्री (mystry) जुडी है अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी की हत्या से।  जब F B I जॉन एफ कैनेडी की हत्या के सिलसिले में एक वीडियो देख रही थी तो उन्हें वीडियो में एक महिला नज़र आई जिसने अपने सर पर कपडा बांध रखा था तथा वो कैमरे से वीडियो शट कर रही थी।  वो वह पर काफी समय तक रहती है यहाँ तक की सब लोगो के चले जाने के बाद भी।  आखिर में वो एक गली में चल जाती है।  F B I ने जब उस महिला का पता लगाने की कोशिश की तो वो उसका पता नहीं लगा पाये।  आखिर में हार कर उन्होंने उस महिला से अपील की, कि वो उसके द्वारा शूट वीडियो उन तक पहुंचा दे ताकि केस में कुछ सहायता मिल सके।  पर उस महिला ने ऐसा भी नहीं किया और आज तक भी उस बुर्काधारी महिला का पता नहीं लग पाया है की आखिर वो कौन थी और उसने क्या वीडियो शूट (video shoot) किया था।  यह केस F B I की बड़ी विफलताओं में से एक है।
    9. मैक्सिको का टियाटिहुआकन शहर (Teotihuacan City of Mexico) :-
    मैक्सिको सिटी (Mexico city) के ठीक बाहरी इलाके में टियाटिहुआकन स्थित है। यह पिरमिडों की एक खंडहर सिटी है। इस जगह का मूल नाम टियाटिहुआकन नहीं है। इसकी खोज एजटेक्स ने की थी और उसी ने यह नाम इस जगह को दिया था। दरअसल टियाटिहुआकन का अर्थ होता है प्लेस ऑफ द गॉड(Palce of God)। एजटेक्स का मानना था कि यह शहर मध्ययुग में अचानक प्रकट हुआ। 500 वर्ष पहले यह जगह खंडहर में बदल गई है। हालांकि इसके अस्तित्व को लेकर कोई भी अन्य अवधारणा प्रचलित नहीं है क्योंकि लिखित में भी इसके बारे में कुछ भी उपलब्ध नहीं है। फिर भी यह स्ट्रक्चर आज भी रहस्य बना हुआ है।
    यह भी पढ़े>>  समुद्र है रहस्यों की दुनिया

     

     इस बस्ती को देखकर अनुमान लगाया जा सकता है कि यहां 25000 लोग रहते रहे होंगे। इसका निर्माण अर्बन ग्रिड सिस्टम (urban grid system) की तरह हुआ है, जिस तरह न्यूयार्क (newyork) का हुआ है। यहां एक पिरामिड के अंदर जितनी भी हड्डियां (bones) मिली हैं, उससे पता चलता है कि बड़ी संख्या में यहां इंसानों का बलिदान हुआ होगा।
    10. 30 करोड़ साल पुराना लोहे का पेंच (30 Million old Screw) :
    1998 में रूसी वैज्ञानिक (russian scientist) दक्षिण-पश्चिम मॉस्को से करीब 300 किलोमीटर दूर एक उल्का के अवशेष की जांच कर रहे थे। इस दौरान उन्हें एक पत्थर का टुकड़ा मिला, जिसमें लोहे का पेंच संलग्न था। भूवैज्ञानिकों के मुताबिक, ये पत्थर 300 मिलियन (30 करोड़) साल पुराना है। तब न तो कोई प्रबुद्ध प्रजाति हुआ करती थी और न ही धरती पर डायनासोर हुआ करते थे। पत्थर के बीच लोहे का पेंच साफ दिखाई पड़ता है। इसकी लंबाई एक सेंटीमीटर और व्यास तीन मिलीमीटर है।
    यह भी पढ़े>> 

    0 comments:

    Post a Comment